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बिहार खादी परियोजना (निफ्ट-पटना)

मूल्य वर्धित खादी परिधानों के उत्पादन के लिए रंगाई तथा छपाई, डिज़ाइन के विकास, क्षमता निर्माण, उच्च मान के वस्त्र, तथा बिहार के खादी वस्त्रों के मानकीकरण के लिए बिहार खादी बोर्ड, बिहार सरकार द्वारा एक परियोजना शुरू की गयी। इस परियोजना की अवधि 3 वर्ष अर्थात् मार्च 2016 से मार्च 2019 तक की रखी गयी है। इस परियोंजना का उद्देश्य बिहार के खादी वस्त्र को आधुनिक बना कर विश्व स्तर तक लाने की योजना बनाना था। इस परियोजना के अंतर्गत सम्मिलित प्रदेयों में—डिज़ाइन की उन्नति, रंगाई तथा छपाई और ब्रांडिंग पर ध्यान केन्द्रित किया गया।

प्रदेयों में विभिन्न प्रकार के डिजाईनों के प्रतिरूप, कपड़ों के नमूनों के 60 डिज़ाइन, खादी को आगे बढ़ने के लिए विभिन्न प्रचार गतिविधियाँ, खादी समिति कारीगरों के क्षमता निर्माण के लिए कार्यशालाएं आदि कार्यक्रम शामिल हैं। कपड़े की डिज़ाइन के 100 नए प्रतिरूप तथा 30 नए नमूने भी उन्नत किये गए। इन उत्पादों को नई दिल्ली में आईआईटीएफ के दौरान पहली बार बिहार दीर्घा में प्रदर्शित किया गया। बिहार सरकार द्वारा मनाये गए चरखा दिवस तथा निफ्ट के वार्षिकोत्सव फैशनोवा 2016 तथा 2017 के दौरान नए खादी संग्रह को प्रदर्शित किया गया। कारीगरों के शिक्षण तथा खादी समिति के उत्थान के लिए 2017 जनवरी तथा जून में दो कार्यक्रम आयोजित किये गए। यह परियोजना चल रही है।

भागलपुर हथकरघा समूह महा परियोजना (निफ्ट-पटना)

भागलपुर हथकरघा समूह परियोजना को डीसी (हथकरघा),वस्त्र मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दी गई। इस परियोजना की अवधि 5 वर्ष की है। इस परियोजना का उद्देश्य भागलपुर हथकरघा समूह की संगठित तथा सकल उन्नति की दिशा तैयार करना है ताकि सामूहिक अंशधारकों को उत्पाद की गुणवत्ता की उन्नति तथा हथकरघा डिज़ाइन की उन्नति की आधारभूत संरचना तथा शिल्प की उन्नति और व्यापार में सहयोग देना है। परियोजना की पहचान एवं कार्यान्वयन के लिए निफ्ट पटना को सामूहिक प्रबंधन तथा तकनीकी एजेंसी(सीएमटीए) बनाया गया। इस परियोजना के उपादेय नैदानिक सर्वेक्षण करवाना, सीएफसी, रंग शाला, डिज़ाइन स्टूडियो तथा उत्पाद उन्नति केंद्र, डिज़ाइन के शोधकार्य तथा बाज़ार से तारतम्य बनाना तथा परियोजना के क्रियान्वयन की देखरेख करने के लिए आरईएफ मार्गदर्शिका बनाना है। यह परियोजना वर्त्तमान में चल रही है।

डिज़ाइन के लिए निफ्ट-इका सहयोगिता(निफ्ट-नयी दिल्ली)

आईकेईए ने स्वरतान नामक डिज़ाइन संग्रह विकसित करने के लिए निफ्ट दिल्ली के साथ सहयोगिता की, यह संग्रह भारत से प्रेरित था तथा अगस्त 2016 में, विश्व भर के इका की दुकानों में प्रदर्शित किया गया। यह कार्यशाला इका के अधिकारियों द्वारा सुविख्यात स्वीडेन के डिज़ाइनर श्री मार्टिन बर्गस्ट्राम तथा निफ्ट दिल्ली के छात्रों की सहयोगिता से आयोजित की गयी।

इस कार्यशाला में स्वरतान के लिए डिज़ाइन विकसित करने के लिए निफ्ट, नई दिल्ली के 25 छात्रों को भी शामिल किया गया। यह सम्पूर्ण संग्रह भारत में ही निर्मित किया गया, तथा इसमें अनेक पारंपरिक तकनीकों तथा प्राकृतिक कपड़ो का उपयोग हुआ ।

भारत-संयुक्त राष्ट्र ज्ञानवर्धन प्रयास के अंतर्गत सहयोगपूर्ण अनुसन्धान परियोजना

भारत-संयुक्त राष्ट्र ज्ञानवर्धन प्रयास के अंतर्गत “21वीं सदी में भारत तथा संयुक्त राष्ट्र के खुदरा व्यापार उद्योग की चुनौतियों को सुलझाने के लिए एक बहुआयामी प्रस्ताव” नामक एक अनुसन्धान प्रस्ताव का आयोजन किया गया। मार्च 2016 से यह परियोजना प्रगति पर है। निफ्ट के फैशन प्रबंधन शिक्षा के प्राध्यापकों ने इओवा राज्य विश्वविद्यालय(आईएसयू),ओकलाहामा राज्य विश्वविद्यालय (ओएसयू), नार्थ टेक्सास विश्वविद्यालय(यूएनटी) के प्राध्यापकों के साथ मिलकर निफ्ट के विभिन्न प्रांगणों में कार्य किया तथा शैक्षणिक उपायों एवं उन्नतशील उद्योग शिक्षा के लिए मॉड्यूल बनाये जो विश्व स्तर पर खुदरा उद्योग की त्वरित गति से बदलती चुनौतियों को सँभालने में उद्योग के पेशेवरों तथा विद्यार्थियों को सक्षम बनाये। इस सहकारी योजना के हिस्से के तौर पर भारत तथा संयुक्त राष्ट्र के उद्योग के सदस्यों के परामर्श से सात शैक्षणिक माड्यूल बनाये गए। ये सात मॉड्यूल हैं :

  • सांस्कृतिक विभिन्नता
  • तिहरी आधार रेखा (टीबीएल) खुदरा योजना की समीक्षा
  • सर्व-मार्गीय फुटकर बिक्री
  • प्रायोगिक/उद्द्यमी विपणन समीक्षा तथा ब्राण्ड इक्विटी निर्माण
  • संकलन योजना तथा आवंटन
  • लघु गैर-शहरी बाज़ार तथा फुटकर उद्योग उपक्रम
  • विज्ञापन सम्बन्धी समीक्षा

इस योजना से जुड़े विश्वविद्यालयों द्वारा इन मॉडयूल्स की जांच 2017 में संयुक्त राष्ट्र में हो चुकी है।

कुछ कैंपस परियोजनाएं

उन्नति के लिए पारंपरिक कला/शिल्प के कौशल एवं प्रशिक्षण का उन्नयन(यूएसटीटीएडी) परियोजना

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने “उन्नति के लिए पारंपरिक कला/शिल्प कौशल एवं प्रशिक्षण का उन्नयन(यूएसटीटीएडी)” नामक योजना की शुरुआत की, जो अन्य विषयों के साथ, अल्पसंख्यकों की पारंपरिक कला तथा शिल्प की धरोहर को सुरक्षित करने के उद्देश्य से तथा पारंपरिक शिल्पियों के क्षमता निर्माण में कार्यरत है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक कुशल शिल्पियों तथा कारीगरों की क्षमता का निर्माण करना है।

इस योजना के अंतर्गत, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने, अल्पसंख्यक समुदाय के शिल्पकार्रों की निपुणता को शिक्षण द्वारा और अधिक उन्नत करने के लिए निफ्ट को एक परियोजना सौपी है। निफ्ट ने इस संस्था के ज्ञान साथी के रूप में मुख्य रूप से अल्पसंख्यकों द्वारा किए जाने वाले हस्तशिल्पों को पहचाना तथा उनके दस्तावेज बनाने में अल्पसंख्यक मामले के मंत्रालय के सहायता की ताकि उन शिल्पियों को “कुशल कारीगरों” अथवा “उस्ताद” की पहचान देने के लिए उनके स्तर को उन्नत किया जाय जिससे वे शिल्पों की पहचान कर सकें, उनके उत्पाद की उन्नति तथा शिल्पियों की उन्नति के लिए कार्यशालाओं तथा पाठ्यक्रम को उन्नत किया जा सके जिससे उनका उत्पाद उच्च स्तर का हो तथा उसे ई-बाज़ार से जोड़ा जा सके जो उत्पाद की बिक्री के लिए सही बाज़ार दे सके।

यूथोपियन वस्त्र उद्योग विकास संस्थान(ईटीआईडीआई) परियोजना

इथियोपियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (ईटीआईडीआई) परियोजना, इथियोपियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट (ईटीआईडीआई), इथियोपिया की क्षमता निर्माण और बेंचमार्किंग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय परियोजना है, जिसमे निफ्ट के साथ एक ट्विनिंग व्यवस्था के अन्तर्गत ईटीआईडीआई अधिकारियों / विशेषज्ञों को इथियोपिया में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और भारत में उच्च शिक्षा एवम एमडीपी कार्यक्रमों के माध्यम से एक उत्कृष्टता केंद्र में बदलने के लिए है। परियोजना के पहले चरण की अवधि चार वर्ष दस माह थी जोकि जुलाई 2013 से प्रारंभ हुई और 27 अप्रैल, 2018 को समाप्त हुआ | इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में चयनित कार्यक्षेत्र एपेरेल मार्केटिंग / मर्केंडाइजिंग और गारमेंट टेक्नोलॉजी थी जिसमे इथियोपियाई परिधान उद्योग के लिए प्रशिक्षण, परामर्श, अनुसंधान और विपणन सहायता सेवाओं में ईटीआईडीआई की क्षमताओं को मजबूत करना था | ईटीआईडीआई-निफ्ट ट्विनिंग व्यवस्था के पहले चरण के आकलन के आधार पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तुलना में क्षेत्र के प्रदर्शन के बीच के अंतर को दूर करने के लिए, ईटीआईडीआई-निफ्ट ट्विनिंग व्यवस्था के दूसरे चरण के लिए समझौता ज्ञापन 13 अप्रैल, 2018 को हस्ताक्षर किए गए हैं । परियोजना के दूसरे चरण की अवधि 3 (तीन ) वर्ष होगी । परियोजना का दूसरा चरण जल्द ही शुरू होगा और अप्परेल एक्सपोर्ट मर्चेंडाइजिंग / मार्केटिंग और गारमेंट टेक्नोलॉजी कार्यक्षेत्रों में फैक्ट्री इंटरवेंशन पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा ।

भारत का राष्ट्रीय आकार सर्वेक्षण/आकार भारत परियोजना

वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा एक परियोजना स्वीकृत हुई जिसमें अनुसन्धान तथा उन्नति योजना के अंतर्गत भारतीय जनसंख्याकी शारीरिक माप के अनुसार भारतीय आकार तालिका को उन्नत बनाया गया ताकि सिले-सिलाये पोशाकों को बेहतर तरीके से बनाया जा सकें। “इंडिया साइज़ ” परियोजना की योजना 3डी शारीरिक स्कैनर द्वारा भारत के विभिन्न क्षेत्रों से 18 से 65 वर्ष के 25000 (पच्चीस हज़ार लोगों) का माप लेने की है। यह अनुमान लगाया जाता है कि इस परियोजना के परिणामों से खुदरा व्यापार को बहुत अधिक फ़ायदा होगा ।

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NIFT – IKEA collaboration for design (NIFT - New Delhi)

IKEA Collaborated with NIFT Delhi Campus for developing a design collection called SVÄRTAN, that was inspired from India and launched in August 2016 across all IKEA stores of the world. The workshop was organized by IKEA officials in collaboration with well-known Swedish designer Mr. Martin Bergström and students of NIFT Delhi Campus.

25 Students of NIFT New Delhi were involved in the workshop for developing design concepts for SVÄRTAN. The whole collection has been produced in India, and it uses many traditional techniques and natural materials.

Collaborative Research Project under the Indo - US Knowledge Initiative

A research collaboration project titled “A Multi-Dimensional Approach to Meet 21st Century Retailing Education and Industry Challenges for India and the U.S” was initiated under the Indo - US Knowledge Initiative. The project has been in progress since March 2016. Faculty members from the Department of Fashion Management Studies at various campuses of NIFT working together with faculty members from Iowa State University (ISU), Oklahoma State University (OSU), and University of North Texas (UNT)have developed modules for sharing and applying educational strategies and leading-edge industry knowledge to better prepare students and industry professionals to meet the challenges of a rapidly changing, global retail industry.As a part of the collaborative research project seven learning modules are being developed in consultation with industry members based in US and India. The seven module topics are:

  • Cultural Diversity
  • Triple Bottom Line (TBL) Retail Strategy Analysis
  • Omni-Channel Retailing
  • Experiential/Entrepreneurial Marketing Strategies and Building Brand Equity
  • Assortment Planning and Allocation
  • Retail Entrepreneurship in Small Non-Urban Markets
  • Promotional Strategy

These modules are being tested in the US through the universities involved in this collaboration during Fall 2017.

Some Campus projects