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निफ्ट प्रकाशन इकाई की परिकल्पना अनुसंधान-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ एक आंतरिक, इंटरडिसिप्लेनरी मंच के रूप में की गई है, जो निफ्ट परिसरों के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर विद्वानों और शिक्षकों के बौद्धिक कौशल को सब के समक्ष लाने के लिए है। निफ्ट को अपने विद्वानों के नए प्रकाशन 'निफ्ट जर्नल ऑफ फैशन' के शुभारंभ की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है, जिसके प्रत्येक वार्षिक अंक में फैशन के विभिन्न पहलुओं पर कई महत्वपूर्ण थीम होंगी जिसमें व्यापक शिक्षा और फैशन प्रौद्योगिकी के लिए उपयोगिता के कई दृष्टिकोण पर गंभीर चिंतन होगा।

निफ्ट जर्नल के उद्देश्य:

  • फैशन भविष्य की दृष्टि से, मूल लेखों के माध्यम से वर्तमान और उभरते महत्वपूर्ण मामलों पर, शिक्षाविदों के बीच ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित करना।
  • फैशन उद्योग में योगदान करने के लिए डिजाइन, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में फैशन शिक्षा के सिद्धांत, प्रथाओं और शिक्षाशास्त्र को सबके समक्ष लाना।

मिशन
फैशन डिजाइन, प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता-युक्त शोध को प्रोत्साहित और प्रसारित करना तथा विश्व स्तर पर शैक्षणिक और फैशन पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण नवीन ज्ञान, उभरते ट्रेंड, विभिन्न दृष्टिकोण और सर्वोत्तम परम्पराएँ को साझा करना हमारा मिशन है।

स्कोप
'निफ्ट जर्नल ऑफ फैशन' एक डबल ब्लाइंड पीयर-रिव्यूड और ओपन-एक्सेस जर्नल है जिसमें डिजाइन, संचार, प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और शिक्षा सहित फैशन के अंतर्गत विभिन्न डोमेन शामिल कर मूल शोध लेख प्रकाशित किए जाएंगे। जर्नल एक विषयगत (थीमैटिक) वार्षिक प्रकाशन होगा जो दुनिया भर के शिक्षाविदों, विद्वानों और फैशन पेशेवरों से उच्चकोटी के शोध लेखों को आमंत्रित करेगा।

संरचना

  • प्रधान संपादक : प्रकाशन इकाई के प्रमुख - एक वरिष्ठ प्रोफेसर होंगे जिन्हें पत्रिका के प्रधान संपादक के रूप में नामित किया जाएगा।
  • सहायक संपादक:प्रकाशन इकाई के इकाई प्रभारी - एक प्रोफेसर होंगे जिन्हें जर्नल के सहायक संपादक के रूप में नामित किया जाएगा।
  • सलाहकार: डीन (शैक्षणिक) सलाहकार होंगे।
  • संपादक मंडल में प्रधान – अनुसंधान और सभी अध्यक्ष शामिल होंगे। प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के दो बाह्य शिक्षाविदों और विषयगत अनुसंधान क्षेत्र में अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त निफ्ट के तीन प्रोफेसरों को पत्रिका के विशेष अंक हेतु सहयोजित किया जाएगा।
  • प्रकाशक राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, भारत होगा।

कालावधि
निफ्ट प्रकाशन की कालावधि वार्षिक होगी।

सर्कुलेशन और पहुंच
'निफ्ट जर्नल ऑफ फैशन'एक शैक्षिक प्रकाशन है, जो शैक्षणिक उद्देश्यों हेतु स्वतंत्र रूप से प्रसारित किया जाता है। यह मुद्रित और ऑनलाइन दोनों तरह से उपलब्ध होगा। यह जर्नल क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन 4.0 इंटरनेशनल लाइसेंस की शर्तों के तहत एक ओपन एक्सेस प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया गया है, जो किसी भी प्लेटफॉर्म पर सामग्री के निशुल्क उपयोग, सर्कुलेशन और पुनरुत्पादन की अनुमति देता है, बशर्ते मूल कार्य और स्रोत उपयुक्त रूप से उद्धृत किया गया हो। पत्रिका का पूरा अंक/कों निफ्ट की वेबसाइट www.nift.ac.in पर नि:शुल्क उपलब्ध होगा।

शोध लेखों को जमा करना
शोध लेख, लेखक दिशानिर्देशों के अनुसार हर प्रकार से पूर्ण और प्रारूपित कर, ईमेल editor.njf@nift.ac.in पर भेजे जाने चाहिए।

प्राप्त किए गए सभी शोध लेख डबल ब्लाइंड पीयर रिव्यू प्रक्रिया से होकर गुज़रेंगे। समीक्षा रिपोर्ट के साथ अंतिम रिपोर्ट (स्वीकृत/परिवर्तनों के साथ स्वीकृत/बड़े परिवर्तनों के साथ स्वीकृत/अस्वीकृत) लेखक/कों को सूचित कर दी जाएगी। यदि सिफारिश ‘परिवर्तन के साथ स्वीकार्य’ की जाती है, लेखक/कों को संशोधित शोध लेख पुनः जमा करने हेतु एक माह का समय दिया जाएगा। प्रधान संपादक की समीक्षा के पश्चात, शोध लेख प्रकाशन के लिए स्वीकृति के संबंध में अंतिम निर्णय लेखक/कों को सूचित कर दिया जाएगा।

लेखक के लिए दिशानिर्देश

  1. निम्नलिखित को सुनिश्चित करना लेखक/लेखकों की जिम्मेदारी होगी:
  • शोध लेख मौलिक कृति हो।
  • शोध लेख अन्यत्र प्रकाशित नहीं किया गया हो।
  • शोध लेख की समीक्षा किसी अन्य प्रकाशन द्वारा नहीं की जा रही हो।
  • प्रस्तुत शोध नैतिक तरीके से किया जाए और डेटा तथा निष्कर्षों को गढ़ा या उनमें हेरफेर नहीं की जाए।
  1. प्रस्तुत सामग्री की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए सबमिशन को प्लेगयरिज़म सॉफ्टवेयर के माध्यम से संसाधित किया जाएगा। जर्नल द्वारा पाठ्य का समान होना अधिकतम 15% प्रतिशत तक स्वीकार्य है। यदि शोध लेख प्लेगयरिज़म की निर्धारित सीमा से अधिक है, तो लेख लेखक को वापस कर दिया जाएगा।
  2. एक शोध लेख में सह-लेखकों की भागीदारी की अधिकतम संख्या तीन है।
  3. शोध लेख की लंबाई 3500 (न्यूनतम) और 5000 (अधिकतम) शब्दों के बीच होगी, जिसमें सार, संदर्भ, लेखक/ कों का विवरण और जीवनी शामिल नहीं है।
  4. जर्नल के लिए मानक अमेरिकी और ब्रिटिश अंग्रेजी भाषा दोनों स्वीकार्य हैं।
  5. लेखक/कों यह सुनिश्चित करेंगे कि शोध लेख व्याकरणिक और टंकण संबंधी त्रुटियों से मुक्त है।
  6. शोध लेख को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, ए4 आकार (8.27"X11.69"), पोर्ट्रेट ओरिएंटेशन और 1 इंच मार्जिन में चारों ओर से प्रारूपित किया जाना चाहिए।
  7. प्रयोग किया जाने वाला टेक्स्ट फॉण्ट - टाइम्स न्यू रोमन , 12 पॉइंट 1.5 लाइन स्पेसिंग के साथ होना चाहिए। टाइटल, शीर्षक और उप-शीर्षक बोल्ड फ़ॉन्ट में होने चाहिए।
  8. लेखक/कों को प्रस्तुत करने से पूर्व माइक्रोसॉफ्ट वर्ल्ड की फाइल प्रौपर्टीज़ से नाम सहित व्यक्तिगत जानकारी को हटा दिया जाए।
  9. शोध लेख में निम्नलिखित शामिल होने चाहिए:
  • शीर्षक
  • लेखक/कों का पूरा नाम, वर्तमान पदनाम, संबद्धता और संपर्क विवरण जिसमें पता, फोन नंबर तथा ईमेल आईडी शामिल हैं। यदि एक से अधिक लेखक का योगदान है, तो संबंधित लेखक को भी इंगित किया जाना चाहिए।
  • 300-350 शब्दों के सार सहित 5 से 7 की-वर्ड होने चाहिए।
  • उपयुक्त शीर्षकों और उप-शीर्षकों के साथ पाठ के मुख्य भाग में परिचय, कार्यप्रणाली, परिणाम, चर्चा और निष्कर्ष शामिल होना चाहिए।
  • पावती (वैकल्पिक)
  • सन्दर्भों को आईएसओ 690:2010 उद्धरण शैली के अनुसार हार्वर्ड रेफरेंसिंग स्टाइल के अनुरूप होना चाहिए।
  1. तालिका और आकड़ें
  • सभी तालिकाओं और आकड़ों को क्रम में क्रमांकित किया जाना चाहिए और पाठ में संदर्भित किया जाना चाहिए। प्रत्येक तालिका/आकड़े को उस स्थान के निकट रखा जाना चाहिए जहां उसे मुख्य पाठ में प्रथम बार संदर्भित किया गया है।
  • आकड़ों को तालिकाओं के माध्यम से पंक्तियों और कॉलम में दर्शाया जाता है। उपयुक्त कैप्शन के साथ अरबी अंकों में तालिका संख्या तालिका के ठीक ऊपर स्थित होनी चाहिए।
  • आकड़ों में ग्राफ, आरेख, इलस्ट्रेशन या चित्र शामिल हो सकते हैं। उपयुक्त कैप्शन के साथ अरबी अंकों में आकृति संख्या को आकृति के ठीक नीचे रखा जाना चाहिए।
  • उपयोग किए गए किसी भी चित्र का रिज़ॉल्यूशन कम से कम 300 डीपीआई होना चाहिए। सभी छवियों को अलग से पीएनजी या टीआईएफएफ प्रारूप में भी भेजा जाना चाहिए।
  • यह लेखक का उत्तरदायित्व है कि बाहरी स्रोतों को विधिवत रूप से स्वीकार किया जाए तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी मंच से प्राप्त की गई कॉपीराइट सामग्री के पुन: उपयोग करने हेतु उचित अनुमति प्राप्त कर ली गई है।
  1. लेखक/लेखकों को लेख के साथ 150 शब्दों में एक संक्षिप्त जीवनी प्रस्तुत करनी होगी।
  2. संबंधित लेखक को सबमिशन के साथ विधिवत हस्ताक्षरित कॉपीराइट सहमति फॉर्म जमा करना होगा।
  3. जर्नल में लेखक/लेखकों से कोई सबमिशन शुल्क या प्रकाशन शुल्क नहीं लिया जाता है।
  4. एक बार शोध लेख को जर्नल में प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लेने के बाद, लेखक/लेखकों द्वारा इसे वापस नहीं लिया जा सकता।
  5. सभी प्रस्तुतियाँ संपादकीय समीक्षा और आवश्यक संशोधनों के अधीन हैं।

 

सामग्री की सटीकता
जर्नल में प्रकाशित शोध लेखों में दी गई जानकारी और राय पूरी तरह से संबंधित लेखकों की होती है और यह आवश्यक नहीं कि वे संपादकों, संपादकीय बोर्ड, सलाहकारों या संस्थान के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हों। सूचना, डेटा, तथ्य, चित्र और राय की सटीकता के लिए लेखक पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। लेखक द्वारा प्रदान की गई किसी भी सामग्री की सटीकता हेतु संपादक या प्रकाशक उत्तरदायी नहीं होंगे। तथापि, संपादकीय टीम द्वारा सामग्री को सटीक रूप से प्रस्तुत करने के लिए सभी मुमकिन प्रयास किए जाएंगे।

पुनः निर्माण की सटीकता
तालिकाओं और आंकड़ों सहित शोध लेख के सटीक पुनः निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। तथापि, संपादक या प्रकाशक संपादकीय त्रुटियों के लिए किसी भी दायित्व और उनसे उत्पन्न किसी भी दावे को स्वीकार नहीं करेंगे। प्रकाशक के पास प्रकाशन के लिए जमा की गई सामग्री और संबंधित सामग्री को संशोधित करने, संपादित करने और संक्षिप्त करने का अधिकार सुरक्षित है।

कॉपीराइट नीति

  • जर्नल में एक शोध लेख प्रस्तुत करने पर, प्रकाशन के लिए स्वीकृति मिल जाने के बाद लेखक सभी प्रस्तुत सामग्री के कॉपीराइट को प्रकाशक को हस्तांतरित करने के लिए सहमत हो जाते हैं। लेखकों को समीक्षा के समय एक ही लेख, आंशिक या पूर्ण रूप से किसी अन्य प्रकाशन को तब तक प्रस्तुत नहीं करना चाहिए, जब तक कि संपादकों द्वारा अंतिम निर्णय नहीं दिया जाता है।
  • लेखक प्रकाशित लेख के लेखक के रूप में पहचाने जाने के अधिकार के साथ-साथ लेख में विस्तृत रूप से दिए गए उत्पाद या प्रक्रिया से संबंधित पेटेंट और ट्रेडमार्क अधिकारों को बनाए रख सकते हैं। लेखकों को आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से शैक्षणिक और गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए जर्नल के उचित उल्लेख के साथ लेख का पुन: उपयोग करने का अधिकार है।
  • लेखकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शोध लेख एक मूल कृति है जिसे कहीं और प्रकाशित नहीं किया गया है और अन्य प्रकाशन द्वारा समीक्षा के अधीन भी नहीं है।
  • लेखकों को यह गारंटी देनी चाहिए कि किसी भी प्लेटफ़ॉर्म से प्राप्त की गई किसी भी कॉपीराइट सामग्री का पुन: उपयोग करने हेतु उचित अनुमति प्राप्त कर ली गई हो।